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Beautiful Dhanteras Poem in Hindi | धनतेरस पर कविता 2022

Dhanteras Poem धन से ही तो रस हैं सारे धन ही सुख-दुख के सहारे धन ही मंदिर,धन ही पूजा न ऐसा कोई पर्व दूजा धन ने किये हैं रौशन

Dhanteras Poem धन से ही तो रस हैं सारे धन ही सुख-दुख के सहारे धन ही मंदिर,धन ही पूजा न ऐसा कोई पर्व दूजा धन ने किये हैं रौशन